प्रोटीन के मामले में आप भी तो नहीं करते ये गलती?

प्रोटीन के मामले में आप भी तो नहीं करते ये गलती?

शिल्‍पा शेट्टी कुंद्रा और ल्‍यूक कुटिन्‍हो

हमारे शरीर को कितने प्रोटीन की जरूरत होती है? क्‍या यह सच है कि भारतीय डाइट मनुष्‍य के शरीर को भरपूर पोषण नहीं दे सकते हैं? कुछ भारतीय आहार ऐसे हैं कि यदि उन्‍हें उचित तालमेल के साथ लिया जाए तो वे शरीर को भरपूर प्रोटीन दे सकते हैं।

आपको बॉडी बिल्‍डर जितना प्रोटीन नहीं चाहिए

हमने बहुत से लोगों को हाई प्रोटीन डाइट लेते हुए देखा है जो एक दिन में तीन-तीन प्रोटीन शेक पी जाते हैं जबकि वे बॉडी बिल्‍डर भी नहीं हैं। इस तरह वे लोग इतना प्रोटीन शरीर में जमा कर लेते हैं जितने की शरीर को आवश्‍यकता नहीं होती है। आपकी सेहत के लिए कोई भी चीज अति होने पर बुरी होती है। अधिक प्रोटीन शरीर में वसा बनकर जमा होता है। यह आपके गुर्दों पर भी भार डालता है। इसका अर्थ क्‍या है? मनुष्‍य का शरीर एक बार में निश्चत मात्रा में ही प्रोटीन ग्रहण कर सकता है, इसलिए आपको हर स्‍कूप के साथ 20 से 30 ग्राम प्रोटीन का वादा करने वाले प्रोटीन शेक व आहार से दूर ही रहना चाहिए।

शरीर को बस इतना ही चाहिए

अधिकतर शरीर एक बार में 15 से 17 ग्राम प्रोटीन ही अवशोषित कर पाते हैं। तो फालतू प्रोटीन कहां जाता है? यह व्‍यर्थ हो जाता है। अगर आप अपनी सुविधा के लिए बेहतर गुणवत्‍ता के वे प्रोटीन ले रहे हैं तो बात अलग है। हमारे पास अकसर माता-पिता आकर कहते हैं कि उनके बच्‍चों के लिए कोई प्रोटीन सुझा दें क्‍योंकि उन्‍हें स्‍कूल में नींद आती है या उनका विकास अच्‍छी तरह नहीं हो रहा है। परंतु यह कोई हल नहीं है।

मनुष्‍य शरीर को अपने सामान्‍य वजन के प्रति किलो के हिसाब से .8 से लेकर 1 ग्राम प्रोटीन की आवश्‍यकता होती है। यानी एक सामान्‍य वयस्‍क का वजन ऊंचाई के हिसाब से 60 किलो होना चाहिए तो उसके शरीर को रोजाना 60 ग्राम प्रोटीन की अधिकतम जरूरत होती है और यह मात्रा आसानी से संतुलित आहार के जरिये हासिल की जा सकती है। वैसे बॉडी बिल्‍डरों, एथलीट और खिलाडि़यों के मामले में निश्चित रूप से ये मात्रा अधिक होती है जो कि विशेष रूप से तैयार स्‍पोर्ट्स न्‍यूट्रीशन प्‍लान के जरिये हासिल होती है। इसमें प्रोटीन के अलावा दूसरे सप्‍लीमेंट्स भी होते हैं।

पेट भरने के लिए प्रोटीन नहीं फायबर लें

यह सच है कि प्रोटीन हमारे पेट को लंबे समय तक भरे होने का अहसास करवाता है मगर यह काम फायबर यानी रेशे को ही करने दें। रेशा शरीर से व्‍यर्थ के पदार्थों को बाहर निकाल देता है और इससे गुर्दों पर भार भी नहीं पड़ता है।

अगर आपको लगता है कि प्रोटीन की अधिक मात्रा लेने से आप छरहरे होंगे तो आपको बाकी बातों पर भी गौर करना होगा। आपको अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट्स और वसा का अनुपात आपके द्वारा किए जाने वाले व्‍यायाम, आपकी नींद, तनाव के स्‍तर और अपने मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर भी ध्‍यान देना होगा।

प्रोटीन कमी के लक्षण पहचानें

आपका शरीर ही आपकी सेहत का सूचक है और यही आपको शरीर में आनेवाली कमी का संकेत भी देता है। अगर आप इसे गौर से सुनेंगे तो सब जान जाएंगे। अगर आपके शरीर में प्रोटीन की कमी होगी तो आपको निम्‍नलिख‍ित लक्षणों से अनुमान हो सकता है:

आप तब भी थकान महसूस करेंगे जब आपको नहीं थकना चाहिए।

व्‍यायाम के दौरान कमजोरी महसूस होगी।

आपका शरीर छरहरा दिखने की बजाय थुलथुल दिखेगा।

आपको बहुत जल्‍दी चोट लगेगी और इसे ठीक होने में समय लगेगा।

आपके सिर के बाल झड़ने लगेंगे।

आपकी त्‍वचा सेहतमंद नहीं रहेगी।

ये कारण अन्‍य वजहों से भी हो सकते हैं मगर अपने शरीर में प्रोटीन के संबंध में इन्‍हीं लक्षणों के आधार पर तय करें कि प्रोटीन की जरूरत कितनी है।

शरीर पर क्‍या असर होता है

प्रोटीन की कमी से शरीर कमजोर होता है और नर्वस सिस्‍टम को हानि पहुंचती है। अध‍िक प्रोटीन लेने से विषाक्‍त तत्‍व और एसिड पैदा होते हैं जो आपके शरीर के महत्‍वपूर्ण अंगों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। नौ प्रकार के अनिवार्य अमीनो एसिड होते हैं। अंडा एक संपूर्ण प्रोटीन आहार है। मीट और मछली से भी प्रोटीन मिलता है। फलीदार पौधों व सोयाबीन में भरपूर प्रोटीन पाया जाता है। अमरंथ में भी ऐसा पादप प्रोटीन है जो आसानी से हजम होता है। ब्राउन चावल और राजमा भी अपने आप में पूर्ण प्रोटीन आहार हैं।

पादप आहार में सारे अमीनो एसिड नहीं मिलते परंतु उनके मेल से आप उच्‍च गुणवत्‍ता का प्रोटीन पा सकते हैं जो कि आपके शरीर को फ‍िट और छरहरा रखने के लिए आवश्‍यक होता है। इसके साथ ही यह शरीर की वसा को भी जलाता है।

इन भारतीय भोजन से हासिल करें प्रोटीन

दाल और रोटी (लेग्‍यूम्‍स और गेंहू) या दाल और चावल (लेग्‍यूम्‍स और ब्राउन राइस) के मिश्रण में सारे नौ अनिवार्य अमीनो एसिड पाए जाते हैं जिनकी आपके शरीर को आवश्‍यकता हो सकती है। निम्‍नलिख‍ित आहार से आपको प्रोटीन के विभिन्‍न स्‍तर प्राप्‍त हो सकते हैं:

सोयाबीन, मेवे (बादाम, अखरोट, मूंगफली, काजू), बीज (अलसी, तिल, सूरजमुखी तथा कद्दू), हरी मटर, पालक एवं हरी पत्‍तेदार सब्‍जी, दूध एवं दूध से बने उत्‍पाद, साबुत अनाज (गेहूं, ज्‍वार, बाजरा, रागी एवं अमरंथ आदि), चने, बींस, मूंग, मशरूम, मेवे, दही, पनीर, टोफू, ब्राउन राइस, दालें।

ये सभी संपूर्ण आहार हैं जो प्रोटीन विटामिन्‍स और खनिज लवणों से भरपूर हैं और पूरे भारत में हर जगह पाए जाते हैं।

(लेखकद्वय की चर्च‍ित किताब द ग्रेट इंडियन डाइटसे साभार। हिंदी में यह किताब प्रभात प्रकाशन ने छापी है और इसे hindibooks.org से मंगाया जा सकता है।)

 

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